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महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू, राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची शिवसेना


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Lucknow:रिपोर्ट : बी .के अवस्थी, रीडर टाइम्स मुंबई : महाराष्ट्र में लगातार चल रहे सियासी ड्रामे के बाद आज प्रदेश में राष्ट्रपति शासन को मंजूरी दे दी गई।भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन को लागू कर दिया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की कैबिनेट की सिफारिश पर हस्ताक्षर कर दिया है।गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के लिए अपनी सिफारिश राष्ट्रपति के पास भेजी थी। प्रेसिडेंटिअल रूल इम्पोसेड इस सिफारिश पर राष्ट्र राम नाथ कोविंद ने मुहर लगा दी है। पंजाब से दिल्ली लौटने के बाद राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश को मंजूरी दे दी, जिसके बाद महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर से बरकरार राजनीतिक अनिश्चितता का फिलहाल विराम लग गया है। फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची शिवसेना…. राष्ट्रपति ने फिलहाल 6 महीने के लिए महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू किया है। इस दौरान अगर कोई भी पार्टी बहुमत साबित करती है तो राष्ट्रपति शासन हट जाएगा। वहीं शिवसेना राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा को लेकर और शिवसेना को सरकार बनाने के लिए कम वक्त दिए जाने को लेकर उन्होंने सवाल उठाया है। शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। शिवसेना का कहना है कि उन्हें सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए सिर्फ 24 घंटे का समय दिया गया, जबकि बीजेपी को 48 घंटे का वक्त दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्यपाल ने सरकार बनाने के अवसर से इनकार करने के लिए बीजेपी के इशारे पर जल्दबाजी में काम किया. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें सरकार बनाने के लिए कुछ और वक्त मांगा, जिसे राज्यपाल ने इंकार कर दिया। शिवसेना की ओर से याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी गई है, जिसपर जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े की अगुआई वाली पीठ कल सुनवाई कर सकती है।